हमारे बारे मे

      हमारे बारे में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं वरिष्ठ प्रचारक माननीय इंद्रेश कुमार जी जब जम्मू-कश्मीर, लेह-लददाख और हिमाचल प्रदेश के संघ प्रचारक थे, उस समय अनेकों तिब्बती धर्मगुरू एवं तिब्बती नेता उनसे मिलकर तिब्बत की आजादी के लिए भारत में जन-आन्दोलन की बात करते थे तब माननीय इन्द्रेश जी के द्वारा 5 मई 1999 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भारतीय एवं तिब्बती समुदाय के लोगों को साथ लेकर भारत-तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना की गई। स्थापना के समय तिब्बती धर्मगुरू परम पावन दलाई लामा जी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी, चौथे पूज्यनीय सरसंघचालक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह 'रज्जू भैया' व पांचवें पूज्यनीय सरसंघचालक के. एस. सुदर्शन जी का आशीर्वाद मिला। स्थापना के प्रारंभ में भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जी के नेतृत्व में वैचारिक आन्दोलन से मंच की शुरुआत हुई । देशभर के विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठियों के माध्यम से समाज के प्रबुद्ध लोगों को जागरूक करने का काम किया गया । इसके कुछ वर्षों बाद मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल के नेतृत्व में वैचारिक आंदोलन के साथ जन आन्दोलन बन गया। 05 मई 1999 में भारत तिब्बत सहयोग मंच की धर्मशाला में जब इसकी नीव रखी गई होगी तो शायद उस समय यह कल्पना नहीं रही होगी कि यह जो पौधारोपण हो रहा है वह एक दिन वटबृक्ष बनने जा रहा है| बड़े हर्ष का विषय है कि भारत तिब्बत सहयोग मंच ने इन 23 वर्षो में तिब्बत की आज़ादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए माननीय इन्द्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन एवं मंच के राष्ट्रीय महामंत्री आदरणीय पंकज गोयल जी के कुशल नेतृत्व में नित नई उचाईयों को छुआ हैं | भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरी निष्ठा और लगन से तिब्बत की आज़ादी के आन्दोलन को, चीन की विस्तारवादी तथा अमानवीय नीतियों को जन-जन तक पहुचाया हैं | इन 23 वर्षों में निरंतर भारत तिब्बत सहयोग मंच की गतिविधियां बढ़ी हैं । लाखों लाख कार्यकर्ता इस मंच से जुड़े हैं और गांव-गांव, गली-गली तक इनके बारे में बताने का कार्य कर रहे हैं कि किस तरह से चीन ने तिब्बत पर अवैध कब्जा कर रखा है । चीन को किस तरह खदेड़ना है इस तरह की बातों को वह बता रहे हैं । माननीय इंद्रेश जी ने नारा दिया कि जिस दिन चीन की अर्थ व्यवस्था हिल जाएगी, उस दिन तिब्बत आजाद हो जाएगा । तिब्बत की आजादी भारत के सुरक्षा की गारंटी है l इस देश में केवल इतना कहा जाता था कि विदेशी भगाओ, स्वदेशी अपनाओ, भारत बचाओ । यह नारा तो हमने सुना लेकिन पहली बार भारत तिब्बत सहयोग मंच ने प्रत्यक्ष रूप यह कहा की चीनी बस्तुओं का बहिष्कार करो और यह विश्व का पहला संगठन है जिसने यह नारा दिया। चीन के राजा महाराजाओं/प्रशासकों ने अपने देश की सुरक्षा को निर्धारित करने एवं सुरक्षा के लिए चीनी दीवार का निर्माण किया था। दीवार के बाहर का पूरा क्षेत्र उसके द्वारा एक अवैध कब्जा है। इसलिए भारत तिब्बत सहयोग मंच का एक प्रमुख नारा है कि चीन की सीमा चीनी दीवार बाकी सब अवैध कब्जा है l आज भारत तिब्बत सहयोग मंच न केवल भारत में अपितु एक बड़ी एवं विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय संस्था के रूप में कार्य कर रहा है | भारत तिब्बत सहयोग मंच का यह दृढ़ विश्वास है कि अगर विश्व में शांति-समन्वय-सद्भाव और बंधुत्व की भावना बनी रहेगी तो ही मानवता बची रहेगी और तभी संपूर्ण समाज का सर्वांगीण विकास व उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। भारत तिब्बत सहयोग मंच के इस जन-आंदोलन के महायज्ञ में अपनी आहूति प्रदान करें!
🍁जय भारत जय तिब्बत🍁